पम ने अपनी प्रेस वार्ता में अपनी मज़बूरी बता दी ... लेकिन कोई उनसे पूछे की क्या भूख और बेरोजगारी की मजबूरी है बड़ी है या गठबंधन धर्म निभाने की.. रही बात अर्थव्यवस्था उपर लेन की तो अगर जनता भूखमरी का शिकार होती रहेगी उसके पास रोजगार नहीं रहेगा तो इकोनोमी का ग्राफ ऊँचा दिखाकर भी क्या होगा....